लापरवाही से तो नहीं हुईं मरीजों की मौत, बोर्ड करेगा जांच

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गुरुग्राम। कृति और कथूरिया अस्पताल में 27 से लेकर 29 अप्रैल के बीच एक दर्जन से अधिक कोरोना संक्रमित मरीजों की मौत लापरवाही से तो नहीं हुई है। इस मामले की जांच मेडिकल बोर्ड करेगा। पिछले महीने इन दोनों अस्पतालों में ऑक्सीजन की कमी से मौत होने की शिकायत अस्पताल प्रबंधन ने की थी, जबकि तीमारदारों का आरोप था कि अस्पताल प्रबंधन की लापरवाही के कारण उनके मरीजों की मौत हुई है। इस प्रकरण की जांच जिला प्रशासन ने उप जिला मजिस्ट्रेट गुरुग्राम और बादशाहपुर के एसडीएम को सौंपी थी। दोनों मजिस्ट्रेटों ने पिछले सप्ताह डीसी को सौंपी रिपोर्ट में खुलासा किया है कि मरीजों की मौत का कारण ऑक्सीजन की कमी नहीं है। बल्कि और कारण है, जिसकी वास्तविकता का पता लगाने के लिए स्वास्थ्य विभाग से जांच कराया जाना आवश्यक है।
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जिला उपायुक्त डॉ. यश गर्ग का कहना है कि मजिस्ट्रेटी जांच के बाद मौत के कारणों का पता लगाने के लिए बोर्ड का गठन होगा। इस बारे में सिविल सर्जन (सीएमओ) को निर्देश दिए जा चुके हैं। अब आगे की कार्रवाई सीएमओ के स्तर से होगी। वह जांच के लिए विशेषज्ञ चिकित्सकों की टीम बनाएंगे। यह टीम मजिस्ट्रेटी जांच रिपोर्ट के साथ-साथ मरीजों की केस हिस्ट्री और तीमारदारों से दोबारा जानकारी करके अपनी रिपोर्ट प्रस्तुत करेगी। उसी रिपोर्ट के आधार पर स्वास्थ्य एवं चिकित्सा विभाग की ओर से इन दोनों अस्पतालों के बारे में कोई निर्णय लिया जा सकेगा।
आधा दर्जन अस्पताल भी रडार पर

दो अस्पतालों के बारे में हुई मजिस्ट्रेटी जांच रिपोर्ट के बाद आधा दर्जन अन्य अस्पताल के संचालकों में खलबली मच गई है। यह वह अस्पताल हैं जिन्होंने ट्विटर पर कहा था कि उनके यहां ऑक्सीजन की कमी है। उस ट्वीट के बाद वहां पर मरीजों की मौत हुई थी। इस तरह के अस्पतालों के संचालक अब अपने बचाव के लिए प्रयास कर रहे हैं।

कोविड अस्पताल की अनुमति पर सवाल

कृति अस्पताल को कोविड संक्रमित मरीजों के इलाज की अनुमति नहीं थी। इसके बावजूद मरीजों को भर्ती कर लिया गया। नौ मरीजों की मौत के बाद अस्पताल को कोविड मरीजों के इलाज की अनुमति मिल गई। जिसको लेकर राजनेताओं तथा सामाजिक लोगों की ओर से सवाल उठाए जा रहे हैं। लोगों का कहना है कि नियमानुसार ऐसा नहीं होना चाहिए था। इस बिंदु को भी शामिल करते हुए जांच होनी चाहिए।
ऑक्सीजन प्लांट के नाम पर अस्पताल चुप

जिले के एक दर्जन अस्पतालों ने कोविड संक्रमण के दौरान 50 से अधिक मरीज भर्ती किए थे। वह अब ऑक्सीजन प्लांट लगाने के नाम पर चुप्पी साधे हुए हैं। वह अपने यहां प्लांट लगवाने के प्रयास में नहीं हैं, जबकि प्रशासन के पास वह आंकड़ा है, जिसमें उनके यहां अप्रैल और मई के दूसरे सप्ताह तक अधिक मरीज थे। उन्हें ऑक्सीजन प्लांट लगवाने के लिए नोटिस भेजने की भी तैयारी है, जबकि आर्टेमिस, प्रतीक्षा सहित आधा दर्जन अस्पतालों ने ऑक्सीजन प्लांट लगाने के लिए आवेदन कर दिया है। इनके यहां छह महीने के अंदर प्लांट लगवाने का कंपनियों से अनुबंध भी हो गया है।

वर्जन

मजिस्ट्रेटी जांच रिपोर्ट के आधार पर कोविड संक्रमित मरीजों की मौत के कारणों का पता लगाने के लिए मेडिकल बोर्ड का गठन करने के निर्देश जारी कर दिए हैं। बोर्ड में सीएमओ एक्सपर्ट डाक्टरों को शामिल करके जांच कराएंगे। उनकी रिपोर्ट के बाद ही इस बारे में आगे की कार्रवाई हो सकेगी। – डॉ. यश गर्ग, जिला उपायुक्त

जिला प्रशासन की ओर से अभी कोई आदेश नहीं मिला है। उनके निर्देश मिलने पर ही इस बारे में आगे की कार्रवाई की जा सकेगी। – डॉ. वीरेंद्र यादव, सीएमओ

कृति अस्पताल में मानवता को ध्यान में रखकर कोविड मरीजों को इलाज के लिए भर्ती किया गया था। मरीजों की इलाज के दौरान ऑक्सीजन की कमी से मौत होना दुखद है। – डॉ. स्वाती सिंह, संचालिका, कृति अस्पताल

Credit Source – https://www.amarujala.com/delhi-ncr/gurgaon/death-of-patients-did-not-happen-due-to-negligence-board-will-investigate-gurgaon-news-noi5839017118?utm_source=rssfeed&utm_medium=Referral&utm_campaign=rssfeed

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