7.50 लाख जुर्माना राशि छह प्रतिशत ब्याज के साथ करे वापस
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उपभोक्ता के अधिवक्ता क्षितिज मेहता से प्राप्त जानकारी के अनुसार बिजली विभाग द्वारा आईएमटी मानेसर के प्रवीण कुमार का बिजली का मीटर वर्ष 2016 की 18 जुलाई को बिजली निगम की ओर से जांच किया गया था और उस पर आरोप लगाए थे कि उसने मीटर के पीछे एक सुराख कर बिजली की चोरी कर रहा था और उस पर 754714 का जुर्माना लगा दिया था। अधिवक्ता का कहना है कि कहीं बिजली का कनेक्शन बिजली निगम न काट दे , इस डर से उसने जुर्माने की पूरी राशि बिजली निगम में जमा करा दी थी और बिजली निगम के आरोपों को अदालत में चुनौती भी दी थी। सिविल जज अंतरप्रीत सिंह की अदालत ने 2021 की 16 मार्च को मामले की सुनवाई करते हुए बिजली निगम के आरोपों को गलत पाया था और प्रवीण के हक में फैसला सुनाया था।
अदालत ने अपने फैसले में कहा था कि यदि 2 माह के भीतर उपभोक्ता को जुर्माने की राशि का भुगतान नहीं किया गया तो बिजली निगम को 6 प्रतिशत ब्याज सहित यह राशि उपभोक्ता को वापस करनी होगा। अधिवक्ता का कहना है कि बिजली निगम ने धनराशि वापस करने की बजाय निचली अदालत के फैसले को जिला एवं सत्र न्यायालय में अपील की थी। गत दिवस अदालत ने अपना फैसला सुनाते हुए बिजली निगम की अपील को खारिज कर निचली अदालत के आदेश को बरकरार रखते हुए उपभोक्ता को जुर्माना राशि का भुगतान 6 प्रतिशत ब्याज दर से करने के आदेश बिजली निगम को दिए हैं। अधिवक्ता का कहना है कि उपभोक्ता बिजली निगम के खिलाफ परेशान करने का केस भी डालने की तैयारी कर रहा है। बिजली निगम ने बिना कारण ही उसे पूरे 5 साल परेशान किया है।
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