सांस और सर्दी के मरीजों की संख्या बढ़ी

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गुरुग्राम। पिछले कई दिन से डेंगू और मलेरिया के कारण लगातार बढ़ रही ओपीडी में एकदम से कमी आ गई है। सेक्टर-10 के एकमात्र सरकारी अस्पताल में प्रतिदिन 1800 से 1900 तक पहुंच रही ओपीडी शनिवार को करीब 1250 रही। बावजूद इसके सांस की तकलीफ और सर्दी, खांसी-जुकाम के मरीज बढ़ने की रफ्तार यथावत है। कुल ओपीडी में से आधे मरीज इन दोनों तरह की परेशानियों के ही हैं। चिकित्सकों के अनुसार प्रदूषण के कारण सांस के मरीजों की संख्या कम नहीं हो रही है। दूसरी ओर तापमान में गिरावट के साथ ही सर्दी, खांसी और जुकाम के मरीज 10 से 15 फीसदी बढ़ गए हैं। बाल रोग विशेषज्ञ के अनुसार सर्दी में ये सामान्य घटनाक्रम है। सर्दी बढ़ने के साथ ही छोटे बच्चों और महिलाओं में सर्दी, खांसी और जुकाम की परेशानी बढ़ जाती है, घबराने की बजाय सावधानी की जरूरत हैं।
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सरकारी अस्पताल में सामान्य दिनों की ओपीडी 1800 तक रहती है। कई बार यह 1500 के पार तो कई बार 2000 के पार भी हो जाती है। औसत की बात करें तो 1800 से करीब ओपीडी सामान्य है। प्रदूषण बढ़ने के साथ ही ओपीडी में अधिकांश मरीज सांस की तकलीफ के आ रहे हैं। अस्पताल के सामान्य रोग विशेषज्ञ डॉ. नवीन कुुमार के मुताबिक कुल ओपीडी का 30 से 40 फीसदी मरीज सांस की तकलीफ का है। दूसरी ओर बाल रोग विशेषज्ञ डॉ. उमेश मेहता के अनुसार तापमान में गिरावट के कारण 10 से 15 फीसदी सर्दी, खांसी और जुकाम के मरीज बढ़े हैं, लेकिन यह सामान्य प्रक्रिया है।
प्रदूषण में सुधार होगा तो ही संभलेगी स्थिति

डॉ. नवीन के अनुसार प्रदूषण में सुधार होगा तो ही सांस के रोगियों की संख्या में कमी आ सकती है। उन्होंने कहा कि सामान्य तौर पर एलर्जी (दमा-अस्थमा) के काफी मरीज आते हैं। प्रदूषण के कारण सामान्य लोगों में भी सांस की तकलीफ बढ़ जाती है। प्रदूषण के कारण फेफड़ों में संक्रमण के कारण सांस लेने में तकलीफ होने लगती है। ऐसे मरीज समय पर दवा लें, गर्म पानी पीना लाभदायक रहेगा।

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