18 दिन से वैन की कर रहे थे रेकी, कैमरे में कैद अल्टो के नंबर पर अरोपियों तक पहुंची पुलिस

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गुरुग्राम। कहते है जुर्म करने वाला कोई न कोई सुराग छोड़ ही जाता है। एक करोड़ की लूट के बाद कंपनी व पुलिस दोनों के पास कोई सुराग नहीं था। सीआईए-40 की टीम ने महरौली में कलेक्शन कंपनी में डेरा डाल रखा था। उसके आसपास के खंगाले गए कैमरे के फुटेज में एक अल्टो कार दिखी जो तीन बार कार्यालय के आसपास देखी गई। सात अप्रैल को उस कार में कोई और नंबर प्लेट थी जबकि 14 और 18 अप्रैल को उक्त कार में बागपत का नंबर प्लेट लगी हुई थी। सीआईए प्रभारी गुनपाल ने नंबर के आधार पर जब पता कि तो यह कार दिवांकर अरोड़ा उर्फ मन्नू के ससुर के नाम पर रजिस्टर्ड थी। पुलिस ने मन्नू को उठाने के बाद पूरे मामले का खुलासा किया।
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इसे भी जाने..

: पुलिस ने ब्रेजा कार, अल्टो कार, एक पिस्टल, दो कारतूस, 70 लाख 50 हजार रुपये बरामद किए हैं।

: जीतू उर्फ जितेन्द्र निवासी यूपी फरार चल रहा है।

: सालभर पहले जावेद निवासी छतरपुर कलेक्शन वैन पर चालक रह चुका था। उसे वसूली जाने वाली रकम व बैंक में जमा करने का समय मालूम था।
: दिल्ली के एयरपोर्ट से शुरू होकर सुभाष चौक पर खत्म होता था कलेक्शन।

: गिरफ्तार छह आरोपियों में एक आरोपी ग्रेजुएट है जबकि अन्य पांचवीं व सातवीं कक्षा से कम पढ़े हुए हैं।

: 28 साल से 42 साल तक के लोग थे वारदात में शामिल।

: मन्नू के घर में किरायेदार रह चुका है नील कमल।

: गुलाब, नील कमल व जीतू को भोंडसी जेल में हुई थी दोस्ती। हत्या, जानलेवा व चोरी के मामले में भोंडसी जेल में तीनों साथ बंद थे।

: पुलिस महानिदेशक पी के अग्रवाल की ओर से दो लाख रुपये के ईनाम की हो चुकी थी घोषणा।

: पुलिस आयुक्त कला रामचन्द्रन ने कलेक्शन कंपनी के खिलाफ कार्रवाई के लिए पत्र लिख चुकी है।

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